Monday, October 27, 2008

जिनकी झलक मे करार बहुत है..
उसका मिलना दुशवार बहुत है..

जो मेरे हांथों की लकीरों मे नहीं..
उस से हमें प्यार बहुत है..

जिस को मेरे दिल का रास्ता भी नहीं मलूम..
इन धडकनों को उसका इंतेज़ार बहुत है..

येह हो नही सकता कि वो हमे भुला दे..
क्या करें हमे उसपे एतबार बहुत है..


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विश्वास के कोमल धागों से है बनता, रिश्तो का संसार |
ज्ञान नहीं, धन नहीं, प्रेम है जीवन का आधार ||

जो प्रेम, स्वार्थ की सीमाओं से परे, करे, वो दोस्त |
खाली जीवन को, स्वर्णिम लम्हों से करे, हरे भरे, वो दोस्त ||

वो दोस्त, समझ हो जिसे, दोस्त की हर धड़कन की |
वो दोस्त, समझ हो जिसे, इस अटूट बन्धन की ||

यह तन नश्वर, जीवन नश्वर, है नश्वर यह संसार |
जो मिटे नहीं, रहे अमर सदा, वो है, दोस्ती – एक अमूल्य ऊपहार


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College life is like Reliance !!
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" Karlo Duniya Mutthi Mein"
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Bachelor Life is Like Airtel!!
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" Aisi Azadi aur Kahan"
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After Engagement is Like Idea!!
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" Jo Badal de aapki Zindgi"
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After Marrige is like Hutch!!
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" Where U go.. network Follows"
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After Kid is like BSNL!!
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" All lines are Buzy"
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so frnds enjoy each moments



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शहर की इस दौड में दौड के करना क्या है?
अगर यही जीना हैं दोस्तों... तो फिर मरना क्या हैं?
पहली बारिश में ट्रेन लेट होने की फ़िकर हैं......
भूल गये भींगते हुए टहलना क्या हैं.......
सीरियल के सारे किरदारो के हाल हैं मालुम......
पर माँ का हाल पूछ्ने की फ़ुरसत कहाँ हैं!!!!!!
अब रेत पर नंगे पैर टहलते क्यों नहीं........
१०८ चैनल हैं पर दिल बहलते क्यों नहीं!!!!!!!
इंटरनेट पे सारी दुनिया से तो टच में हैं.......
लेकिन पडोस में कौन रहता हैं जानते तक नहीं!!!!
मोबाईल, लैंडलाईन सब की भरमार हैं.........
लेकिन ज़िगरी दोस्त तक पहुंचे ऐसे तार कहाँ हैं!!!!
कब डूबते हुए सूरज को देखा था याद हैं??????
कब जाना था वो शाम का गुजरना क्या हैं!!!!!!!
तो दोस्तो इस शहर की दौड में दौड के करना क्या हैं??????
अगर यही जीना हैं तो फिर मरना क्या हैं!!!!!!!!


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