Sanjay Kumar Jha
Journey of life
Monday, October 27, 2008
तेरा हँसना कमाल था साथी
तेरा हँसना कमाल था साथी
हमको तुमपर मलाल था साथी
दाग चेहरे पे दे गया वो हमें
हमने समझा गुलाल था साथी
रात में आए तेरे ही सपने
दिन में तेरा ख्याल था साथी
उड़ गई नींद मेरी रातों की
तेरा कैसा सवाल था साथी
करने बैठे थे दिल का वो सौदा
कोई आया दलाल था साथी
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